भारत मे लगभग 1100 लाइसेंसी फैक्टरी है पटाखे बनाने की ,जिनमे आधिकारिक रूप में 3 लाख से ज्यादा लोग कार्यरत है,बाकी अनाधिकृत फैक्ट्री कितनी है इसका अंदाजा आये दिन अखबारों में खबरे पढ़ने से आप स्वयं लगा सकते है ,अंदाजा है कि लगभग 6-7 लाख लोग इस उद्योग से रोजगार पाते है
हर साल पटाखे बाजार का व्यवसाय लगभग 8 से 10 हजार करोड़ का है ,जिस से अस्थायी रोजगार उतपन्न होता है और साथ ही राज्यो को राजस्व का लाभ भी,यदि एक इस व्यवसाय में कार्यरत एक व्यक्ति का 3 लोगो का भी परिवार माना जाये तो लगभग 20 लाख लोग इस उद्योग के भरोसे है ,और वैसे भी इस साल
कोरोना महामारी की वजह से जब सारे उद्योग धंधे प्रभावित है तो ये व्यवसाय भी इससे अछूता नही है ,अकेले शिवाकाशी जैसे एक छोटे जिले का पटाखो के उत्पादन में 80% हिस्सा है,कहा जाए तो उस जिले की ज्यादातर जनता इसी उद्योग पर निर्भर हैप
पर प्रदूषण पर सरकारों के दोगले रवैये का इस उद्योग पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है ,2018 में सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली में पटाखे के बैन की वजह से अकेले शिवाकाशी में लाखों रोजगार जाने की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी ,पर बढ़ते प्रदूषण और डरते जानवरो का हवाला दे कर उसे सही बताया गया था
जाने क्यों अदालतों और सरकारों को प्रदूषण की सारी चिंता दीवाली पर ही क्यों होने लगती है,जबकि साल भर दिल्ली जैसे शहर में हजारों फैक्टरियां दिन रात ज़हरीला धुंआ उगलती रहती है, क्या दीवाली के अवसर पर उन्हें 4 दिन के लिए बंद नही किया जा सकता बनिस्पत पटाखों पर बैन के
जिससे लाखो लोगो के पेट मे रोटी जाती है और सरकारो को राजस्व भी प्राप्त होता है,सरकार को बाकी उद्योगों की बड़ी चिंता है पर इस उद्योग की नही जिससे लाखो घर चल रहे,सोचिये जो बिचारे साल भर पटाखे तैयार करते है इस उम्मीद में की दीवाली पर बेच कर मुनाफा कमाएंगे उनका क्या होगा इस बैन के बाद
क्या उनके घर कोई दीवाली होगी भला ? क्या सरकारों को उनकी कोई चिंता नही ? क्या सरकारों और अदालतों की कुम्भकर्णी नींद हर साल बस दीवाली पर ही टूटती रहेगी ? ये तो दोतरफा मार है सरकार की ,एक तरफ़ त्योहार का मज़ा बेकार दूसरी तरफ उद्योग से जुड़े लोग बेहाल
प्रदूषण साल भर की समस्या है किसी एक दिन की नही ,इस पर ठोस गंभीर कदम उठाए जाने चाहिए ना कि एक दिन के लिए लाइट बन्द करके इसे रोका जा सकता है,त्योहारों के उत्साह को मत मारिये सरकार ,बिना पटाखों की दीवाली ठीक वैसी ही है जैसे बिना रंगों की होली ....जय श्री राम
