꧁सनातन संस्कृति꧂
क्या आप जानते हैं कि शैंपू की खोज भारत में हुई थी । पर वह शैंपू आजकल मिलने वाला Chemical Based Shampoo या आयुर्वेद के नाम पर धोखा देते हुए तथाकथित 99% Chemical Based हर्बल शैंपू नहीं थे। अगर आप किसी भी हर्बल शैंपू की बोतल उठा कर देखोगे ,तो आप पाएंगे कि
क्या आप जानते हैं कि शैंपू की खोज भारत में हुई थी । पर वह शैंपू आजकल मिलने वाला Chemical Based Shampoo या आयुर्वेद के नाम पर धोखा देते हुए तथाकथित 99% Chemical Based हर्बल शैंपू नहीं थे। अगर आप किसी भी हर्बल शैंपू की बोतल उठा कर देखोगे ,तो आप पाएंगे कि
आंवला ,रीठा ,शिकाकाई के नाम पर बिकने वाले हर्बल शैंपू में केवल दिखावे के लिए आंवला, रीठा, शिकाकाई आदि मिलाए जाते हैं। इनमें से किसी भी हर्बल शैंपू की एक किलो की बोतल में केवल और केवल कुछ ग्राम आंवला शिकाकाई और रीठा मिलाया जाता है। ताकि आप की आंखों में धूल झोंकी जा सके ।
इन घटिया रसायनिक हर्बल शैंपू के स्थान पर
आप आसानी से घर में आयुर्वेदिक शैंपू बना सकते हैं। उसके लिए आपको चाहिए सिर्फ 100 ग्राम आंवला, 200 ग्राम रीठा, 300 ग्राम शिकाकाई। इनको अलग अलग करके पीस लेना है । ध्यान रहे आंवला, रीठा और शिकाकाई साबुत ही लेने हैं ।
आप आसानी से घर में आयुर्वेदिक शैंपू बना सकते हैं। उसके लिए आपको चाहिए सिर्फ 100 ग्राम आंवला, 200 ग्राम रीठा, 300 ग्राम शिकाकाई। इनको अलग अलग करके पीस लेना है । ध्यान रहे आंवला, रीठा और शिकाकाई साबुत ही लेने हैं ।
अगर आप बाजार से इसे पिसे हुए आंवला रीठा और शिकाकाई लोगे ,तो उनमें पक्का मिलावट होगी । अब इन तीनों पिसे हुए आंवला रीठा और शिकाकाई को मिलाकर रख लेना है । अब अब इस मिश्रण में से जितना शैंपू आपको 1 सप्ताह के लिए चाहिए उतना मिश्रण लेकर पर्याप्त मात्रा में पानी में भिगोकर रख लेना।
1 दिन भिगोने के बाद इस Homemadee Shampoo को छान सकते है ।
जब आप यह शैंपू प्रयोग करेंगे तो आप पाएंगे कि आपके बाल जो पहले पूंजीवादी रासायनिक और हर्बल शैंपू से शुष्क हो गए थे, इस Home made मिलवाट रहित आयुर्वेदिक शैंपू से घने और चमकदार हो गए हैं।
जब आप यह शैंपू प्रयोग करेंगे तो आप पाएंगे कि आपके बाल जो पहले पूंजीवादी रासायनिक और हर्बल शैंपू से शुष्क हो गए थे, इस Home made मिलवाट रहित आयुर्वेदिक शैंपू से घने और चमकदार हो गए हैं।
अगर आप बाजार में बने हुए शैंपू के स्थान पर घर का बना हुआ आयुर्वेदिक शैंपू इस्तेमाल करते हैं तो
1.आप एक एक वृक्ष आंवला शिकाकाई और रीठा का लगा रहे हो। क्योंकि आपके घर के बने हुए आयुर्वेदिक शैंपू के सारे अवयव किसी ना किसी पेड़ पौधे से आएंगे और आप जैव विविधता को भी बढ़ावा देते हैं.
1.आप एक एक वृक्ष आंवला शिकाकाई और रीठा का लगा रहे हो। क्योंकि आपके घर के बने हुए आयुर्वेदिक शैंपू के सारे अवयव किसी ना किसी पेड़ पौधे से आएंगे और आप जैव विविधता को भी बढ़ावा देते हैं.
2.अगर आप आयुर्वेदिक Homemadee Shampoo का प्रयोग करते हैं तो आप किसानों को खुशहाल करते हैं क्योंकि यह जड़ी बूटियों किसी किसान के खेत से ही आएंगी। दूसरी तरफ अगर आप रसायनिक शैंपू का इस्तेमाल करते हैं, तो इनमें किसी भी जड़ी बूटी का प्रयोग का प्रयोग नहीं होता ।
रासायनिक शैंपू में में प्रयोग होने वाले केमिकल किसी किसान के खेत से नहीं आते बल्कि बड़े बड़े पूंजीपतियों की खदानों से आते हैं....!!
1. आपके आयुर्वेदिक Home Made Shampoo के प्रयोग करने के कारण किसानों को आंवला शिकाकाई और रीठाआदि बीजनी पड़ेगी ।
1. आपके आयुर्वेदिक Home Made Shampoo के प्रयोग करने के कारण किसानों को आंवला शिकाकाई और रीठाआदि बीजनी पड़ेगी ।
जिससे बहुत सारे जीव जंतुओं का संरक्षण होगा जोकि इन विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों पर निर्भर रहते हैं.....!!
2.आयुर्वेदिक Home Made shampoo घर में बनाने पर आप प्लास्टिक का कचरा काम पैदा करते हैं ।
2.आयुर्वेदिक Home Made shampoo घर में बनाने पर आप प्लास्टिक का कचरा काम पैदा करते हैं ।
3. घर में बने हुए आयुर्वेदिक homemade Shampoo से आप ग्लोबल वार्मिंग खतरे से भी निपट सकते हैं ,क्योंकि आप का आयुर्वेदिक Homemade Shampoo विभिन्न प्रकार के पौधों और वृक्षों को बीजने में मदद करता है....!!
4. आयुर्वेदिक शैंपू आप घर पर भी बना सकते हैं जबकि रसायनिक शैंपू आप घर पर नहीं बना सकते।
5. रसायनिक शैंपू प्रयोग होने वाले घातक रसयन जल को प्रदूषित करते हैं ।जबकि आयुर्वेदिक Home made में प्रयोग होने वाली जड़ी बूटियां जल को प्रदूषित नहीं करती.....!!
5. रसायनिक शैंपू प्रयोग होने वाले घातक रसयन जल को प्रदूषित करते हैं ।जबकि आयुर्वेदिक Home made में प्रयोग होने वाली जड़ी बूटियां जल को प्रदूषित नहीं करती.....!!